मैं दीपक हूँ
साझा कविता संकलन
“मैं दीपक हूँ ” इंक़लाब पब्लिकेशन, मुंबई द्वारा प्रकाशित साझा संकलन है जिसमें आप ४४ नवोदित लेखक की रचनाओं को पढ़ पायेंगे और उनके बारे में जान पायेंगे। ये ४४ कवि आपको अपने-अपने शब्दों के माध्यम से अपनी दुनिया में ले जाने का खूबसूरत प्रयास करते है और आपसे उम्मीद करते है की आप भी उनकी तरह उनके शब्दों की दुनिया द्वारा रचित संसार में उनके शब्दों को पिरोये माला को समझने का प्रयास करेंगे।
इंक़लाब पब्लिकेशन की तरफ से प्रकाशित “मैं दीपक हूँ” साझा संकलन में मुझे अपनी कविता भेजने का सौभाग्य प्राप्त हुआ जिसमें मेरी दो कवितायें प्रकाशित हुई है:
१) मेरी माटी मेरा देश और
२) पिता और पुत्री।
यह दोनों कविता मेरे दिल की करीब है जिसमे आप मेरी प्रकृति के प्रति संवेदना और दुसरी कविता में पिता का पुत्री के प्रति प्यार को महसूस कर पायेंगे।
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