by शशि धर कुमार | Sep 19, 2024 | Article, Hindi, Society
“कुंवर नारायण के विचार: साहित्य और दर्शन की नज़र से” कुंवर नारायण (1927-2017) हिंदी साहित्य के प्रमुख हस्ताक्षर थे। उनके साहित्य में गहन मानवतावादी दृष्टिकोण, दार्शनिकता और जीवन के प्रति एक व्यापक दृष्टिकोण झलकता है। उनकी काव्य रचनाओं, कहानियों, निबंधों,...
by शशि धर कुमार | Sep 19, 2024 | Article, Hindi, Society
“सरस्वती प्रसाद के विचार: साहित्य और समाज की नज़र से” साहित्य समाज का दर्पण होता है, और एक लेखक के विचार उसकी रचनाओं में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होते हैं। जब हम हिंदी साहित्य के समृद्ध भंडार की बात करते हैं, तो हमें कई ऐसे महान लेखक मिलते हैं जिन्होंने...
by शशि धर कुमार | Sep 18, 2024 | Article, Hindi, Society
“काका-हाथरसी की रचनाओं का समाज और राजनीति पर प्रभाव” काका हाथरसी की रचनाओं का समाज और राजनीति पर प्रभावकाका हाथरसी (1906-1995) हिंदी साहित्य के हास्य और व्यंग्य विधा के एक प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं। अपने अनोखे और मर्मस्पर्शी लेखन के जरिए उन्होंने समाज और...
by शशि धर कुमार | Sep 17, 2024 | Article, Hindi, Society
“सीताकांत महापात्रा: एक कवि और साहित्यिक आलोचक” भारत के साहित्यिक परिदृश्य में कई ऐसे कवि और लेखक हुए हैं जिन्होंने अपनी रचनाओं से समाज को न केवल प्रेरित किया बल्कि साहित्य में नए प्रतिमान भी स्थापित किए। ऐसे ही महान साहित्यकारों में से एक हैं सीताकांत...
by शशि धर कुमार | Sep 14, 2024 | Article, Society
” हिंदी साहित्य से छात्रों और युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक बातें”हिंदी साहित्य भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह साहित्य न केवल भाषा का विकास करता है, बल्कि सामाजिक, नैतिक, और व्यक्तिगत विकास के लिए भी प्रेरणा देता है।...
by शशि धर कुमार | Sep 11, 2024 | Article, Society
“स्वामी विवेकानंद का शिकागो भाषण और इसका वैश्विक प्रतिध्वनि”स्वामी विवेकानंद का शिकागो में दिया गया ऐतिहासिक भाषण न केवल भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ। 11 सितंबर 1893 को विश्व धर्म महासभा में स्वामी विवेकानंद ने अपने...