सांगीत के विविध आयाम

डॉ बीरेंद्र कुमार ‘चन्द्रसखी’ के किताब “सांगीत के विविध आयाम” के षष्टम अध्याय में लेखक द्वारा “नारी व पुरुष सामाजिक परिवेश में” स्त्री पुरुष के स्थिति पर काफी पैनी नज़र से इस विषय पर अपनी बात रखी है और जितना आप लेखक को पढ़ते है उतना...

तुम चुप क्यों रहे केदार

यह मेरे लेख का शीर्षक नही, यह एक किताब का नाम है जो 2013 केदारनाथ में हुई घटना को लेकर हृदयेश जोशी जी की है। हृदयेश जोशी जी लगातार पर्यावरण से संबंधित विषयों पर हमेशा सक्रिय होकर लिखते और बोलते रहते है। यह किताब उनके एक चैनल के साथ रहने के दौरान पत्रकारिता करते हुए इस...

यमुना बाढ़ दिल्ली २०२३

दिल्ली में मानसून के साथ इस बार बाढ़ की घटना ने पूरे भारत का दिल दहला दिया तो सोचिये यमुना किनारे रहने वालों के मन में क्या चल रहा होगा। यमुना में बाढ़ की कहानी कोई नई नही है लेकिन हाल के वर्षों तक एक पीढ़ी ने इस तरह का बाढ़ नही देखा था कहा जा रहा है इससे पहले १९७८ में...

संस्कृति वर्चस्व और प्रतिरोध

“संस्कृति वर्चस्व और प्रतिरोध” किताब के लेखक पुरुषोत्तम अग्रवाल जी ने किताब का नाम इस तरह से चुना है की आपको उसी से अंदाज़ा हो जायेगा कि लेखक पुरे किताब में क्या कहना चाह रहे है। शुरुआत होती है “हम कौन थे, क्या हो गए और क्या होंगे अभी?” से जिससे...

विश्व पुस्तक मेला, दिल्ली

पुस्तक मेला और प्रगति मैदान हमेशा आश्चर्यचकित करता रहा है। जब भी जाता हूँ मन को असीम शांति मिलती है। इतने सारे किताब प्रेमी अभी भी है, और आज भी खरीदते है किताबें…..मेरे लिए नई नई किताबों की लिस्ट… नए नए इनोवेटिव तरीके से पढ़ने पढ़ाने के लिए भी काफी कुछ देखने...

रुकतापुर…

रूकतापुर मतलब रुकने वाली जगह लेखक ने बड़ा अच्छा नाम सोचा बिहार के सन्दर्भ में यह किताब काफी तथ्यों के साथ एक ऐसा विवरण है जो एक पत्रकार के लिए अपने घुमन्तु जीवन में कई बार आ सकती है और यह किताब उसी का परिणाम है वैसे बिहार से कई बड़े पत्रकार हुए जिन्होंने राष्ट्रीय पटल...