हिन्दी से हम
-एक भाषा, एक संवाद
साझा कविता संकलन
भारत एक देश के तौर पर भाषाई स्तर पर बहुत ही समृद्ध मानी जाती है इसकी वजह है इस देश के अंदर बोली जाने वाली भाषाओं की संख्या जो किसी भी देश के तुलना में यहाँ सबसे अधिक बोली जाती है उसी में से एक है हिंदी जिसके बारे में कहाँ जाता है की यह भारत के दिल की भाषा है जो लगभग हर तरफ किसी ना किसी रूप में बोली जी जाती है यही से इसके प्रति जो हर दिल में सौम्यता धड़कती है और हर किसी को अपने अंदर अपने प्रति प्यार पनपा देने की क्षमता है।
नीलम प्रकाशन की तरफ से हिन्दी दिवस पर आयोजित हिन्दी से हम-एक भाषा, एक संवाद साझा संकलन में मुझे अपनी कविता भेजने का सौभाग्य प्राप्त हुआ जिसमें मेरी दो कवितायें प्रकाशित हुई है:
१) जन-जन की भाषा और
२) हिन्दी दिवस।
यह दोनों कविता मेरे दिल की आवाज है जिसमे आप हिन्दी के प्रति एक हिन्दी भाषी का प्यार महसूस कर पायेंगे।
प्रकाशित रचनाएँ
प्रकाशन समूह
सभी प्रकाशन समूहों का बहुत बहुत आभार और धन्यवाद ! उन्होंने मुझ जैसे नवोदित लेखक को अपने साहित्यिक कृतियों में जगह दी।
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