भुतलाएल जीवन – मैथिली कथा

“झूठक झालि: मैथिली कथा” अदहा चैत बीत गेल मुदा चैतक जेहेन उष्णता चाही ओ अखन तक मौसममे नहि आएल अछि। जेना आन साल फगुआक पराते लोक अपन-अपन सिरको आ कम्बलोकेँ रौद लगा, समेट कऽ ऐगला जाड़-ले बान्हि कऽ रखि लइ छला, से ऐ बेर नहि भेल। ओना, पहिनौं केतेक साल एहेन होइते...

झूठक झालि – मैथिली कथा

“झूठक झालि: मैथिली कथा” अदहा चैत बीत गेल मुदा चैतक जेहेन उष्णता चाही ओ अखन तक मौसममे नहि आएल अछि। जेना आन साल फगुआक पराते लोक अपन-अपन सिरको आ कम्बलोकेँ रौद लगा, समेट कऽ ऐगला जाड़-ले बान्हि कऽ रखि लइ छला, से ऐ बेर नहि भेल। ओना, पहिनौं केतेक साल एहेन होइते...